मोमिन खान मोमिन वाक्य
उच्चारण: [ momin khaan momin ]
उदाहरण वाक्य
- मोमिन खान मोमिन के बाद आईये ज़िक्र करें इब्राहीम ज़ौक का.
- जहां तक याद पड रहा है यह गजल मोमिन खान मोमिन की है.
- आज के शायर हैं मोमिन खान मोमिन (१८००-१८५१), जो कि पेशे से हाकिम थे.
- आज के शायर हैं मोमिन खान मोमिन (१ ८ ००-१ ८ ५ १), जो कि पेशे से हाकिम थे.
- मोमिन खान मोमिन और भारतेंदु जी की शायरी का येः मुवाज़ना काबिलेतारीफ है हिन्दी के दूसरे गज़ल्गो शायरों पर भी कलम चलाने की दरख्वास्त है
- “ मर्ज़ बढ़ता ही गया ज्यो ज्यो दवा की … ” मोमिन खान मोमिन की ये पंक्तियाँ, लोकतान्त्रिक भारत के आज के परिपेक्ष्य में बिलकुल फिट बैठती है.
- कब नदिया प्रीत निभाना जाने!!! 'रूह ' को जानना नहीं आसां-(तरही गज़ल) तू मुझे आजमाएगा कब तक-शायर मोमिन खान मोमिन का कहा यह मिसरा इस तरही गज़ल का आधार है
- उर्दू ग़ज़ल के महत्वपूर्ण कवियों [संपादित करें] उर्दू में कुछ महत्वपूर्ण और सम्मानित ग़ज़ल कवियों वली, आतिश, मीर Taqi मीर, मिर्जा रफ़ी सौदा, मिर्जा गालिब, मोमिन खान मोमिन, Zauq, दर्द, Daagh, और जिगर Moradabadi हैं.
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